आज भारत पहुंचेंगी जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, वार्ता में कश्मीर नहीं होगा शामिल
खास बातें
- जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल गुरुवार को अपना भारतीय दौरा शुरू करेंगी
- करीब 20 समझौतों पर हस्ताक्षर की संभावना
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सतत विकास, शहरी गतिशीलता, कृषि और फुटबॉल व कई अन्य मामलों पर होगी बातचीत
- एंजेला मर्केल दिल्ली मेट्रो की भी करेंगी सवारी
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल गुरुवार को अपना भारतीय दौरा शुरू करेंगी। इस दौरे पर वह विभिन्न भारतीय नेताओं से मुलाकात करने और करीब 20 समझौतों पर हस्ताक्षर करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगी। लेकिन इस वार्ता के दौरान दोनों नेताओं के बीच कश्मीर को लेकर चर्चा नहीं होगी।
भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे. लिंडनर ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर के मुद्दे पर जर्मनी यूरोपीय संघ के रुख का समर्थन करता है और यूरोपीय संघ पहले ही भारत और पाकिस्तान से वार्ता के जरिए यह विवाद सुलझाने की अपील कर चुका है।
हालांकि लिंडनर ने यह भी कहा कि मोदी और मर्केल के बीच बेहद अच्छे संबंध हैं और वे किसी भी मुद्दे पर बात कर सकते हैं। उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ मौजूद कश्मीरी जनता के हित को ध्यान में रखते हुए कश्मीर के मुद्दा का शांतिपूर्ण व राजनीतिक हल तलाशना चाहिए।
उन्होंने कहा, जर्मन चांसलर गुरुवार की शाम को अपने करीब 12 मंत्रियों के साथ दो दिनों के दौरे पर दिल्ली पहुंचेंगी। पीएम मोदी और मर्केल की वार्ता के अलावा सभी मंत्री भी अपने-अपने भारतीय समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सेदारी करेंगे। इस दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सतत विकास, शहरी गतिशीलता, कृषि और फुटबॉल व कई अन्य मामलों में सहयोग को बढ़ाना है।
भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे. लिंडनर ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर के मुद्दे पर जर्मनी यूरोपीय संघ के रुख का समर्थन करता है और यूरोपीय संघ पहले ही भारत और पाकिस्तान से वार्ता के जरिए यह विवाद सुलझाने की अपील कर चुका है।
हालांकि लिंडनर ने यह भी कहा कि मोदी और मर्केल के बीच बेहद अच्छे संबंध हैं और वे किसी भी मुद्दे पर बात कर सकते हैं। उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ मौजूद कश्मीरी जनता के हित को ध्यान में रखते हुए कश्मीर के मुद्दा का शांतिपूर्ण व राजनीतिक हल तलाशना चाहिए।
उन्होंने कहा, जर्मन चांसलर गुरुवार की शाम को अपने करीब 12 मंत्रियों के साथ दो दिनों के दौरे पर दिल्ली पहुंचेंगी। पीएम मोदी और मर्केल की वार्ता के अलावा सभी मंत्री भी अपने-अपने भारतीय समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सेदारी करेंगे। इस दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सतत विकास, शहरी गतिशीलता, कृषि और फुटबॉल व कई अन्य मामलों में सहयोग को बढ़ाना है।
दक्षिण एशिया की 'स्थिरता का आधार' है भारत
भारत को दक्षिण एशिया की 'स्थिरता का आधार' घोषित करते हुए जर्मन राजदूत लिंडनर ने कहा, भारत इस क्षेत्र में एक सामरिक वजन और अहमियत रखता है। उन्होंने कहा, भारत के सहयोग के बिना इस क्षेत्र का प्रदूषण या सतत विकास या गरीबी या अन्य कोई भी चुनौती हल नहीं की जा सकती है।
ईयू सांसदों का कश्मीर दौरा उनका निजी मामला
लिंडनर ने कश्मीर दौरे पर आए यूरोपीय संघ (ईयू) के सांसदों के दल को उनका निजी मामला बताया। उन्होंने कहा, ईयू पहले ही कह चुका है कि यह इन सांसदों का निजी दौरा है और यही हमारा भी कहना है। हमें इन सांसदों के भारत आने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और इस बारे में जितना आप जानते हैं, उतनी ही मुझे जानकारी है। बता दें कि कश्मीर घाटी की स्थिति का जायजा लेने के लिए ईयू के 23 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को दो दिन के दौरे पर श्रीनगर पहुंचा था।
यह भी है दौरे में शामिल-ः
- शुक्रवार को राजघाट व गांधी स्मृति म्यूजियम जाएंगी मर्केल
- शुक्रवार को ही भारतीय समाज पर प्रभाव डालने वाली महिलाओं से मिलेंगी
- शनिवार को जर्मन चांसलर गुरुग्राम में एक जर्मन कंपनी की भारतीय इकाई का दौरा करेंगी
- शनिवार को एयरपोर्ट रवाना होने से पहले दिल्ली मेट्रो के एक स्टेशन का भी जायजा लेंगी