जेएनयू: फीस वृद्धि को लेकर उच्च-स्तरीय समिति छात्र प्रतिनिधियों से लेगी सुझाव
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में होस्टल फीस वृद्धि के मामले का हल खोजने के लिए रविवार को प्रबंधन द्वारा कदम उठाया गया। फीस वृद्धि को लेकर चल रहे विरोध के बाद सक्षम प्राधिकारी द्वारा एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
यह समिति फीस वृद्धि मामले में जेएनयू के छात्र प्रतिनिधियों से बातचीत कर मामले का सुलझाने और इसका हल खोजने की कोशिश करेगी।
बता दें कि इससे पहले फीस वृद्धि मामले को लेकर चल रहे छात्रों के विरोध-प्रदर्शन ने शनिवार को बड़ा रूप ले लिया था। शनिवार को फीस वृद्धि के खिलाफ सिटीजन मार्च निकाला गया था। इस मार्च में जेएनयू के पूर्व छात्रों के साथ ही योगेंद्र यादव, एम्स, डीयू के छात्र और प्रोफेसर, वामपंथी धड़े के सभी यूनियन, जामिया, अंबेडकर यूनवर्सिटी, एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर व कई समाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए थे।
सभी लोग एक साथ जेएनयू की बढ़ी फीस को कम कराने की मांग कर रहे थे। मालूम हो कि केंद्र सरकार की उच्च स्तरीय समिति सोमवार को इस हॉस्टल मैनुअल ड्राफ्ट के बजाय छात्रसंघ के सहयोग से नया ड्राफ्ट बनाने की सिफारिश कर सकती है।
उसमें भी हॉस्टल फीस बढ़ोतरी तो होगी पर बेहद आंशिक। शुक्रवार शाम 4 से 6 बजे तक समिति ने कैंपस में 35 से अधिक छात्रों से दिक्कतों पर बात की। इस दौरान छात्रसंघ समेत आम छात्रों की ओर से दिक्कतों के साथ समाधान भी सुझाया गया।
छात्रसंघ की मांग है कि पहले हॉस्टल मैनुअल ड्राफ्ट को पूरी तरह वापस लेते हुए नया ड्राफ्ट तैयार हो। इसमें छात्रसंघ की भी भागीदारी हो। छात्रसंघ भी हॉस्टल फीस बढ़ाने को तैयार है, पर आम छात्रों की सहमति से। इससे पूर्व, विद्यार्थियों ने नॉर्थ गेट से कुलपति कार्यालय तक मानव शृंखला बनाई थी।
कैंपस में तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति ने कुलपति कार्यालय की दूसरी मंजिल में छात्रसंघ और आम छात्रों के साथ बैठक की। समिति ने सभी छात्रों से उनकी दिक्कतों की जानकारी ली।